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बोगोर भाषा बोलतार

* धाशे | वळोपय् शब्द

वेता मज्यो तमनें शू लाभ करंबाचाळी निर्जीव वस्तु वासळी थावै। को वोरा थावै। जो शब्दयों सुरनी जुदाई न क ज्ये सुर बांसळीथी क्ये वीण्घो धाय त्येनी जुदाई केवी रोष थी जाती जाय ' को को जो तुरई श्रं स्थर शब्द करे ९ तौ वढावढना जाबानें योवाना में सिंगारे कोण । त्येन् रोयै जो तनें जो भयो सहज समभावानी म

तो ये क्यूं जायछे त्ये फेवोरोत्ये समभावामा चारशे म् १० का ततें ग्रकाशमा को । थावा सक्ते को इट ब् सूरतना शब्द संसारमा के नें येहोना बच्‌मा अर्ध सिवाय ९९ कोई शब्द नहीं । एनाटे ओ ई शब्दनो अयं न जा तो कहवावाळाने पाने वा घणू वळी कह तमें देधी ९२ वावाळपण मारे पासै लेइनें स्वा था ।

मंडळी

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परमार्थनी सामर्धना बाहवावाळा यावा एधो एथो ९३ नो शिक्षा करवानें माटै मोटा उपाय करे । ज्ये मणोस बोओर भाषा कई सो कार्य करवानी सामर्थ १० प्रार्थना करे । म को हं जौ बोजी भाषामा प्रार्थना कह तोमारोमा प्रार्थना करे है सच्ची परंतु मारी बुद्धि १५ था है। ए हूं है हं आत्माथी प्रार्थना करोश तो

वृथा

यळी हूं बुद्धियो प्रार्थना करोश शं श्रात्माथी गावीश बळी ९१ हं बुद्धियोपण गाविश । ये नथयाथी तू ज्यारे खात्मा.

यो शोध करोश व्यारे ज्ये महोस विना उपदेशनो ठाममा रहे थे तारा धन्य करवाऊपर केवोरित्यै ग्रामिन कर ९७ शे क्वें मक्ये त्ये तारि बात समझता नथी । तू चाको . रोत्ययो धन्य करैके सही परंतु बोजा मयोसनी शिक्षा १८ येथी थातो नथी । कं पावाना ज्ये ईश्वरनी स्तुति

वधू को हं तमसर्वेघो अधिक भाषा कळू परंतु

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मंडळोमा मारि बुद्धिधी कहवू बोजी भाषामा दस सहस्र १९ वास कहवाथी ईच्छा करूंकूं। हे भाइयैौ बुद्धिमा है या माथाजो परंतु शत्रुतामा रैया थावा परंतु बुद्धि २० मा मणीस थावैः । शाखमा र लख है को विजच कहै है २१ बोजी बोलो नें वळी होठ राखवावाळा लोकोथी हूं लोकोनें वातो कही वैपय् ए सऊ थयाथोपय् अमारो

२२ वाव ये नहीं सान्हळें । एमाटे बोजोर भाषा बालवो एक लक्षण के ये विश्वास करैछे येहोनें माटै नहीं परंतु ध्ये विश्वास करता नथो व्येहोनें माटै परंतु ज्ये विश्वास करता नथो चेहोनें माटै चाचाय्येनो वात नहीं परंतु २१ ज्ये विश्वास करैछे येहोंने मात्रै है । रथी मऊ मंडळी एकठो थया उपरांत जो सऊ बोजीर भाषा बोलें त्येवेळां निसिखाडीथयो को बिना विश्वास टिळा लोक जी माहे २१ मा जावे तो येशू नमनें गहलो जाने नहीं । परंतु जै सऊ कोई श्राचार्यनी वात कडे नें त्ये वेळां अविश्वासी की दिन सिखाया को कोई मणोस जो मार्च भावे तो ये सज थो प्रबोध कांधोधको थाय वळगे सऊथी विचार कोधौ २५ थका धाय है । वली एवा येना मनना भेद मरघट

थाय वळो त्ये धावाथी थे नडडीनें ईश्वरनो भजन कर

२९ में ईश्वर ज्ये तमारा वच्मा है ए परघट कर्शे ।

हे

भाइयो ए केवैr है प्यारे में एक ठाम्‌मा अवाको यारे तमारा बच्मा कोईनो गोत है कोईनी शिक्षा है कोईन भाषा है कोईनो घरघट कोधी वात है कोईनो अर्थ है सज २७ कार्य शिक्षानें माटै थावैा । जो कोई बोजोर बोली बाल्तै। रहे तैा बे क्ये श्रय मणी सनी मारफत धावा परंतु येथी अधिक नहीं वळो त्येपय् दरजैबदरजै थावेा वळी

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पासै परघट को

२ नें तमाहं विश्वास करव ं हथा न थयाथो में ज्ये तमारें त्ये मनमा ग्रहणकरवाथो वमारे मोक्ष ३ घण् ज्येधो थाय छे। कम्क्ये ज्येश् वाती में पामोहतो व्ये वातामा ज्ये असल वात त्ये में तमारे पासै सांघो त्ये वाव ए क्ये धर्मग्रंथमा श्येवू ं कहे है त्येवू अमारे पाप मोचननें ● माटे खीष्ट मु । नें ज्येव ं धर्म ग्रंथमापण कचैरै व्येवू त्ये गोरमा सुवरायैौ गये। हतैा में चीत्रै दा फरी उठा ५ द्यौ गया हतैा । में काइफाथो जोये गये। हतौ व्ये पा ६ छळ वारथी । त्ये पाछळ एकबारगी पांच सौथो कां इक अधिक भाइयौथो जोवाहतो को ज्ये होनो अधिक ७ वट आज सुथी जोने है परंतु कोई‍ सुई मया । ये पाकळयचाकुबधी में त्ये पाछळ सऊ दूताथो जाया गया ते । वळी अकाल उत्पन्न थया कोई मणोसनें एवै। ज्ये ९ इं सऊनी अंत मारा जोवामा च्यायौ । हं दूतमा सऊ

थो न्यानोवळी दूतना नामथी नामी थावानें लायक नथी

१० क्म्को में ईश्वरनो मंडळानें कष्ट दोथौ ।

हू ं त्थे ईश्वरना अनुग्रहथो हू त्येनेो ज्ये

परंतु हं व्ये

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परिश्रम में को तय त्ये में नहीं परंतु ईश्वरनो ज्ये माटे घावू त्ये धावा एव ं अमें जनावी यें है यें नें नमें येवू विश्वास १२ कोधू । हवा जौ खोटना विषयमा ए जयायू जाय

११ अनुग्रह मारा ऊपर हता येणें ।

क्ये त्ये मृत्युधी उठाड्यौ गया हतौ तौ तमारा वच्‌मा किटळा १२ मोस को क है है को मुत्राचौनू फरि उठवू नथो । जै

मुत्रान् फरो उठवू नथी तैौ खोष्टपण उठायो नथो १४ गये । । वो जै खोट उठाया गया नथी तो मारूं न १५ खावू हथा ने समारौ विश्वास था है | त्येमा ईश्वरना

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